


अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज जल्द ही भारत के दौरे पर आएंगे. जेडी वेंस अप्रैल के तीसरे हफ्ते में एक दिन के लिए भारत आ सकते हैं. इस यात्रा को भारतीय पक्ष के लिए काफी अहम माना जा रहा है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जेडी वेंस का भारत आना कूटनीतिक तख्तापलट के रूप में देखा जा रहा है. टैरिफ वार को लेकर भी दोनों देशों के बीच चर्चा हो सकती है. वाल्ट्ज का अपने भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल के साथ प्रौद्योगिकी सहयोग के लिए ट्रस्ट पहल पर बैठक के लिए दिल्ली आना कुछ समय पहले तय हुआ था. सुरक्षा सलाहकार वाल्ट्ज 21-23 अप्रैल के बीच भारत की यात्रा पर आ सकते हैं. एक थिंक टैंक की ओर से आयोजित भारत-अमेरिका फोरम में वो हिस्सा लेंगे.
मार्च में आई थीं तुलसी गबार्ड
जेडी वेंस के पहले राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड भारत के दौरै पर आई थीं. तुलसी गबार्ड मंत्रिमंडल की पहली सदस्य थीं. ये मार्च में सुरक्षा सम्मेलन और रायसीना वार्ता के लिए नई दिल्ली आई थीं.
भारत यात्रा का मुख्य एजेंडा क्या है?
सूत्रों के मुताबिक, वाल्ट्ज की यात्रा के एजेंडे में एक मुख्य मुद्दा ट्रस्ट पहल है. इसे फरवरी में वाशिंगटन में ट्रंप और मोदी के बीच एक बैठक में लॉन्च किया गया था. ये जरूरी और उभरती प्रौद्योगिकियों पर पहल (आईसीईटी) का एक नया संस्करण है.
ट्रस्ट का ध्यान भारत और अमेरिका की सरकार, शिक्षाविद और प्राइवेट क्षेत्रों के बीच रक्षा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, अर्धचालक, क्वांटम कंप्यूटिंग, जैव प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों मं उभरती प्रौद्योगिकियों पर सहयोग और संवेदनशील प्रौद्योगिकियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर केंद्रित है.